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BMW से महंगा घोड़ा, एक करोड़ 11 लाख में बिका प्रभात

बेहद सुंदर घोड़ा है प्रभात

राजस्थान के पाली जिले में एक घोड़े की खरीद चारों तरफ चर्चा का विषय बनी हुई है. मारवाड़ी नस्ल के घोड़े की इतनी बड़ी डील पहले कभी नहीं हुई. पाली के नाडोल के नारायणसिंह आकड़ावास ने भंवर सिंह राठौड़ से प्रभात नाम का 11 साल का घोड़ा 1 करोड़ 11 लाख रुपए में खरीदा है.

घोड़े के लिए तैयार हो रहे दो अस्तबल 
नारायण सिंह का प्रॉपर्टी और माइनिंग का व्यवसाय है. खरीददार आकड़ावास बताते हैं कि उनके पास मारवाड़ी नस्ल की दो घोड़ियां भी हैं. लेकिन प्रभात उनके लिए खास है. जब से उसके बारे में सुना था, उसे खरदने की कोशिश में लगा था.

प्रभात के लिए दो अस्तबल तैयार हो रहे हैं. एक कवर्ड है और दूसरा टहलने के लिए खुला है.

घोड़े की देखरेख के लिए लगे हैं तीन कर्मचारी 
ब्रिटिश पैटर्न पर उसके लिए पानी का पूल बनाया जा रहा है और देखरेख के लिए तीन कर्मचारी लगाए गए हैं. सुबह नाश्ते में उसे अंकुरित चने और जौ का दलिया दिया जाता है और इसके बाद वॉक करवाते हैं. फिर उसे गेहूं का चोकर, मक्का, सोयाबीन और बाजरे का दलिया दिया जाता है. दोपहर में हरा चारा दिया जाता है और मालिश की जाती है. रोज मालिश के बाद शैंपू से गर्दन और पूंछ के बालों की धुलाई होती है.

घोड़े को बेलगाम रखना चाहते हैं खरीदार 
इसके बाद उबले हुए मोठ, आधा किलो देसी घी, देसी शक्कर की डाइट और शाम को हरा चारा, दाना और हल्दी मिला दो किलो दूध दिया जाता है. घोड़े लगाम से ही काबू होते हैं, लेकिन आकड़ावास चाहते हैं कि प्रभात बेलगाम रहे और दूसरे पालतू जानवरों की तरह भाषा समझे. प्रभात को अश्व फार्म हाउस में रखा गया है और वह ब्रीडिंग के काम भी आ रहा है.


बेहद सुंदर और चमकीला घोड़ा है प्रभात 
घोड़े को फ्रांस की हेरी नाम की महिला पिछले एक साल से ट्रेनिंग दे रही थी. हेरी का कहना है कि इस तरह का घोड़ा उसने विदेशों में भी नहीं देखा, जो इतना फुर्तिला हो. दरअसल प्रभात बेहद सुंदर और चमकीला घोड़ा है, जो काफी कम होते हैं. पिछले कुछ अर्से से देशभर के खरीदार उसके पीछे लगे थे. पंजाब में बादल परिवार के सदस्यों के अलावा वहीं के कुछ और बिजनेसमैन कोशिश कर रहे थे. इसके लिए फ्रांस की विशेषज्ञ सेंड्रिना ड्अुलेन इन दिनों नारलाई और नाडोल में है.

कई अश्व शो का विजेता रहा है प्रभात 
सौदे में अहम भूमिका निभाने वाले मारवाड़ी घोड़ों के विशेषज्ञ डॉ. अजीत सिंह राव के मुताबिक प्रभात जयपुर के कन्हैया और जोधपुर में बिलाड़ा के पास के रणसी गांव की गणगौर घोड़ी की संतान है. प्रभात बालोतरा, पुष्कर और अहमदाबाद में हुए अश्व शो का विजेता रहा है. मारवाड़ी और मालाणी नस्ल एक ही होती है. यूं तो अरबी नस्ल के घोड़ों की उनकी रेसिंग में उपयोगिता के कारण ज्यादा कीमत हो सकती है, लेकिन उसके अंतर में प्रभात पहला ऐसा घोड़ा है जो इतना कीमती है.

मारवाड़ी घोड़ों पर चल रही है रिसर्च 
दुनियाभर में इन दिनों मारवाड़ी घोड़ों पर रिसर्च चल रही है. महराणा प्रताप का चेतक घोड़ा भी मारवाड़ी घोड़ा था, जिसकी बहादुरी के किस्से हर तरफ गाए जाते हैं. मारवाड़ी घोड़े भले ही छोटे कद-काठी के होते हैं, मगर बेहद समझदार, चालाक और तेज होते हैं. सबसे बड़ी बात है कि वे जल्दी थकते नहीं हैं.

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